अकेलेपन ..... |
अकेलेपन .....
तुझसे मैं क्या शिकायत करूँ ....
मैं ही तो खींच लाई हूँ तुझे ...
क्योंकि मैं अकेले रहना चाहती हूँ ...
शायद मेरे रग-रग में ...
समाई है गुटनिरपेक्षता ...
फिर भी मैं खुश हूँ ...
तुझे पाकर ...
क्योंकि तू स्थायी है ...
और गर्व है मुझे ...
तेरी इस स्थायित्व पर ...
तेरे साथ जी- मर सकती हूँ मैं ....
अकेलेपन .....
तुझसे मैं क्या शिकायत करूँ ....
अंजू सिन्हा ...
badhiya....
ReplyDeleteअकेलेपन .....
ReplyDeleteतुझसे मैं क्या शिकायत करूँ ..
गहन अनुभूति के साथ भावपूर्ण अभिव्यक्ति....आभार..